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लेखनी कविता -23-Jan-2025

#दिनांक:-23/1/2025
#शीर्षक:-क्रोध

क्रोध पर तू वश कर
कार्य हर हंसकर कर
चिंता का त्याग कर।1।

प्रसन्न रख कर मन
सफल होगा जीवन
सहयोग का भाव धर।2।

कौन आज़ाद यहाँ
परिवर्तन काम यहाँ
प्रेम से हरेंक घाव भर।3।

क्रोध आत्मिक बल है
सहुलियत का दल है
देश प्रतिक्रांति हाव भार।4।

तू कुछ न कर
क्रोध, ही जगाएगी मुलाकात
तारा मार कर।।5।

कोई सुख संसार नहीं
जहाँ परिवार सुख वही
प्रतिभा इन्द्रिय धार कर।6।

(स्वरचित)
प्रतिभा पांडे "प्रति"
चेन्नई 

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2 Comments

Anjali korde

23-Jan-2025 06:41 PM

V nice

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Shahana Parveen

23-Jan-2025 06:38 PM

बहुत सुंदर 👌💐

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